परिचय 

दोस्तों स्वागत है आपका हमारे एक और नए पोस्ट में जिसमे की हम बात करने वाले हैं सब टीवी के एक मशहूर शो तेनाली रामा के बारे में इस पोस्ट में हम इस शो का संक्षेप में परिचय व उसके साथ ही यह क्यों बंद हुआ था इसके बारे में भी बात करने वाले हैं। हम वैसे तो आज के वक्त में काफी सारे टीवी सिरिअल्स देखते है लेकिन वो सभी टिपिकल स्टोरीज पर बेस्ड होते है। यानी की जोभी नॉर्मल पहले टीवी पर दिखाया जाता था उसी को थोड़ा बोहत बदलाव करके पब्लिक के सामने परोस दिया जाताथा। लेकिन तेनाली रमा की खास बात ये थी की ये शो देखने वालो को मनोरंजन ,हास्य इत्यादि के अलावा अच्छे-अच्छे सन्देश भी देके जाता था। जहाँ दूसरे सीरियल्स में कॉमेडी के नाम पर अपनी ही संस्कृति या संस्कार का मजाक बनाया जाता है। वहीँ उसके विपरीत इस शो में अपने संस्कृति संस्कार को अच्छे द्रिष्टिकोण से दिखकर हमारी संस्कृति को गौरवान्वित किया ज्यादा था। कुल मिलकर ये सीरियल बेहद अच्छै संदेशो के साथ साथ हमे समय  समय पर हंसाता भी रहा है। तो अब आइये निचे जानते हैं की आखिर क्यों बंद हुआ व क्या कारण था। 


मुख्या पात्र का परिचय 

तेनाली रामकृष्ण  (जिनको की तेनाली रमा नाम से भी जान जाता है ) एक भारतीय कवि, विद्वान, विचारक और विजयनगर राजा कृष्णदेवराय के दरबार में एक विशेष सलाहकार थे, जिन्होंने 1509 से 1529 तक शासन किया था। वह एक तेलुगु कवि थे, जो तेनाली नामक एक गाँव से थे, जो अब आंध्र प्रदेश क्षेत्र में स्थित है, जो आमतौर पर लोक कथाओं के लिए जाना जाता है जो उनकी बुद्धि पर केंद्रित हैं वह कृष्णदेवराय के दरबार में अष्टदिग्गज या आठ कवियों में से एक थे।

उनके पिता की मृत्यु हो गई जब वे एक बच्चे थे। राम ने जिस अवसाद का सामना किया, उसे दूर करने के लिए, उनकी मां लक्ष्मण उन्हें विजयनगर ले गईं जहां वे श्री कृष्णदेवराय के सलाहकार और उनके दरबार में 8 वें विद्वान बने। वे तेलुगु भाषा के महान विद्वान और कवि थे। तेनाली रामकृष्ण भी दरबार के मंत्री थे।

तेनाली रमा जी के बारे में कुछ और परिचय व बातें - रामकृष्ण एक गरीब ब्राह्मण हैं जो तेनाली नामक गाँव में रहते थे। एक साधु उसकी बुद्धि, बुद्धि, हास्य, बुद्धि और चतुराई को देखकर कहता है कि वह काली माता के पास के मंदिर में जाकर उसके नाम का एक हजार बार जाप करे ताकि वह जीवन में सफल हो सके। जैसे ही रमा को काली माता का आशीर्वाद मिलता है, वह अपनी बुद्धि, बुद्धि, हास्य, बुद्धि और चतुराई का उपयोग करके कृष्णदेवराय के दरबार में महान कवि और शाही सलाहकार पंडित रामकृष्ण बन जाते हैं।

सीरियल का परिचय 

तेनाली रामा एक भारतीय हिंदी भाषा की ऐतिहासिक कॉमेडी ड्रामा है, जो विजयनगर सम्राट कृष्णदेवराय (सी.ई. अक्सर सबसे महान विजयनगर सम्राट के रूप में उद्धृत किया जाता है। इस सीरीज का प्रीमियर सोनी सब पर 11 जुलाई 2017 को हुआ और 13 नवंबर 2020 को ऑफ-एयर हो गया।

श्रृंखला का निर्माण अभिमन्यु सिंह द्वारा कॉन्टिलो एंटरटेनमेंट के बैनर तले किया गया था।  कहानी ने 2018 में 9 महीने की छलांग लगाई और उसके बाद अगस्त 2019 में 20 साल की छलांग और फरवरी 2020 में 4 महीने की छलांग लगाई। COVID-19 के कारण श्रृंखला का फिल्मांकन 4 महीने (मार्च से जुलाई तक) के लिए रुका हुआ था। महामारी और श्रृंखला आखिरकार 13 नवंबर 2020 को ख़तम हुई। 

कृष्णदेवराय के दरबार में महान कवि और शाही सलाहकार पंडित रामकृष्ण अपनी सामयिक बुद्धि और बुद्धिमत्ता का उपयोग सबसे कठिन समस्याओं को भी हल करने के लिए करते हैं। उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी तथाचार्य (शाही पुजारी), जो उन्हें अपमानित करना चाहते हैं, अक्सर रामकृष्ण की बुद्धि से स्तब्ध हो जाते हैं। राम राजा कृष्णदेवराय के बहुत करीब हैं।

शो के बारे में थोड़ा सा परिचय (सभी एपिसोड देखें कहानी के बारे में अधिक जानने के लिए)

छह साल बाद, रामकृष्ण का बेटा, भास्कर, एक शरारती बच्चा है और अपने पिता को कृष्णदेवराय के दरबार में कई बार अपमानित करता है, जिससे राम भास्कर को उसकी नटखटता के लिए दंडित करना शुरू कर देते हैं। वह भास्कर को वैसे ही बिगाड़ना बंद कर देता है जैसे वह करता था। बाद में भास्कर शरारती होना बंद कर देता है। फिर, राजकुमार बालकुमार आते हैं। बालकुमार कृष्णदेवराय की दूसरी पत्नी, तिरुमलम्बा के भाई हैं। बालकुमार एक बिगड़ैल राजकुमार है जो अपने बालों की बहुत परवाह करता है। भास्कर तथाचार्य को उसके पिता के आदेश पर क्षमा करने के लिए तथाचार्य के घर में है। भास्कर को एक टूटे हुए फूलदान को एक साथ चिपकाना है। बालकुमारन, जो तथाचार्य से सीखने के लिए उनके घर पर हैं, टूटे हुए फूलदान को ताज के रूप में रखते हैं। फूलदान पर गोंद लगा होता है, जिससे वह बालकुमार के बालों से चिपक जाता है। फूलदान को हटाने के लिए बालकुमार के सिर से बाल खींचे जाने चाहिए। बालकुमार को कभी भी अपने बाल वापस नहीं मिलते और भास्कर पर हमेशा गुस्सा आता है, जिसे बालकुमार की गलती के लिए दोषी ठहराया जाता है। इसके बाद भास्कर को 20 साल के लिए गुरुकुल (स्कूल) भेज दिया जाता है।

आखिर क्यों बंद हुआ शो ?

तो दोस्तों अब आते हैं उस मुद्दे पर जिसका की आपको इंतज़ार है की आखिर ऐसा क्या कारण था की मेकर्स व डायरेक्टरस को ये शो बंद करना पड़ा था। 

 तो दोस्तों बात ये है की इस शो की कहानी 556  एपिसोडस तक तो देखने वालों  को काफी पसंद आयी थी। आपको पता होगा की उस एपिसोड में राजगुरु तथाचार्य भास्कर (तेनाली रमा के पुत्र ) को शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुकुल में छोड़ने जाते हैं। तो यहाँ तक तो सब ठीक था दोस्तों लेकिन आगे अगले एपिसोड में हम सबको देखने को मिलता है  की शो की पूरी स्टोरी ही बदल गयी है।  राजगुरु की जगह कीसी कैकाला नाम के सख्स ने लेली है , तेनाली रमा व महाराज कृष्णदेवराइ भी लापता थे।  महाराज की जगह उस बाला कुमार ने लेली थी 

यानि की शो ने 20 साल का लीप ले लिया था। मतलब कहानी 20 वर्ष आगे चली गयी थी 

तो वहां फिर भास्कर भी वापस लौटकर भौचक्का रह जाता है की ये क्या उसके पिता व महाराज का तो कुछ पता ही नहीं है। कैकाला भी अपना प्रकोप जमा रहा है साथ ही साथ तथाचार्य की हालत भी खस्ता थी। फिर वह सारी जिम्मेदारी अपने समक्ष लेकरके कुछ दिनों के लिए रमा व भास्कर दोनों का किरदार निभाकर सबके आँखों में धूल झोंकता है क्यूंकि भास्कर को कैकाला नामके रोड़े को भी सामने से हटके उससे छुटकारा पाना था। 

तो अब अगर निष्कर्ष पर पहुंचे तो इस शो के बंद होने का मुख्या कारन था इस शो को इतने साल आगे लीप में लेजाना क्युकी ऑडियंस को पहले जितना आनंद नहीं आ रहा था पहले वाले महाराज और तेनाली रमा व तथाचार्य की वो नोकझोंक ऑडियंस को देखने को नहीं मिल रही थी।  यूट्यूब पर लोगो के कम्नेट्स भी देख सकते है की कैसे लोग इसी निंदा कर रहे है की स्टोरी खराब क्यों की या आगे  क्यों  की महाराज  को क्यों गायब किया वगेरा वगेरा और दोस्तों वैसे फिर भी जनता ने सबर भी किया था की कब कैकाला को सबक सिखाये या फिर महाराज व रमा की वापसी हो लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी क्युकी तब तक इसकी रेटिंग्स काम हो चुकी थी। और महाराज के वापसी के बाद जब महाराज किरदार निभाने वाले एक्टर को ही बदल दिया फिर दो ऑडियंस की रूचि इस शो के प्रति बिलकुल ही मर गयी थी।  तो दोस्तों यही कारण थे इसके ऑफ एयर होने के पीछे 

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